Wednesday, July 18, 2012

अच्छा, तो हम चलते हैं...

'बाबू मोशाय, हम सब तो रंगमंच की कठपुतलियां हैं जिसकी डोर ऊपर वाले के हाथ में है, कौन कब कहां उठेगा, कोई नहीं जानता' जिंदादिली की नई परिभाषा गढ़ने वाला हिन्दी सिनेमा के आनंद यानि राजेश खन्ना का निधन हो गया। जीवंतता से हर चरित्र को जीने वाले राजेश का फिल्म आनंद में रोल किसे याद नहीं होगा, हषिकेश मुखर्जी की इस क्लासिक फिल्म में कैंसर (लिम्फोसकोर्मा आफ इंटेस्टाइन) पीड़ित किरदार को जिस ढंग से उन्होंने जिया, वह भावी पीढ़ी के कलाकारों के लिए एक नजीर बन गया। किसी जमाने में करोडों जवां दिलों की धड़कन रहे हिन्दी फिल्मों के पहले सुपर स्टार राजेश खन्ना ने अभिनय के अलावा फिल्म निर्माता और नेता के रूप में भी लोकप्रियता हासिल की। अभिनेता के रूप में उनके लोकप्रियता का यह आलम था कि बडेÞ-बडेÞ स्टार उनकी चमक के सामने फीके पड़ गए थे। वह बॉलीवुड के संभवतया पहले ऐसे अभिनेता थे जिन्हें देखने के लिए लोगों की कतारें लग जाती थीं। वह सिनेमा में जो रोल अदा करते, प्रशसंक उसे अपने जीवन में निभाने लगते। उनकी हेयर स्टाइल हजारों-लाखों प्रशसंकों ने कॉपी की और खुद को राजेश खन्ना समझने लगे थे। रोमांस के राजेश खन्ना शहंशाह थे और लड़कियां राजेश नहीं मिले तो उनकी सफेद कार को ही चूमकर गुलाबी कर देती थी। खून से कई लड़कियों ने उन्हें हजारों खत लिखे। फोटो से शादी कर ली। जांघ पर काका के नाम का टैटू बना लिया। काका की आंख मिचमिचाने और गर्दन टेढ़ी करने की अदा लड़कियों के दिल को घायल कर देती थी। उनके अभिनय के कायल लोग उदाहरण देते थे कि एक गोला खींचकर उसमें अभिनय कराना हो तो राजेश खन्ना के अलावा कोई यह कारनामा करके नहीं दिखा सकता। तमाम गानों में उन्होंने अपनी यह प्रतिभा दिखाई भी। राजेश खन्ना आज के अभिनेताओं की तरह स्टार पुत्र नहीं थे, बल्कि जमीन से जुड़े हुए कलाकार थे। आज के माहौल में जैसे टैलेंट हंट कामयाब हो रहे हैं। तमाम युवक-युवतियां टैलेंट हंट के जरिए फिल्म उद्योग में जगह बनाने में सफल हो रहे हैं, राजेश इस रास्ते से पहुंचने वाले संभवतया पहले अभिनेता थे जिन्होंने प्रसिद्धि की बुलंदियों को छुआ। इसीलिये उन्हें ज्यादा सराहा गया। करीब एक दशक तक सुपर स्टार रहे राजेश खन्ना की फिल्मों का इतना जबर्दस्त क्रेज था कि युवक और युवतियां टिकटों की एडवांस बुकिंग के लिए लंबी लाइनों में घंटों बिताकर भी मानसिक रूप से थकते नहीं थे। जिन लोगों ने राजेश खन्ना की दीवानगी का आलम देखा है, वे बताते हैं कि शाहरुख की लोकप्रियता में पांच का गुणा कर दीजिए, इतनी प्रसिद्धि थी राजेश खन्ना की। खन्ना ने जो लहर पैदा की थी, वो कोई और सितारा आज तक पैदा नहीं कर पाया। महान अभिनेता को श्रद्धासुमन।

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