* एडॉल्फ हिटलर को कौन नहीं जानता! पहले विश्वयुद्ध में जर्मन सेना का यह जवान इंग्लैड के हाथों बुरी तरह घायल हुआ था और आक्रामणकर्ता उसे मरा समझ कर छोड़ गए थे। जर्मनी को बदल डालने के लिए नाजी दल बना और हिटलर अपने प्रतिद्वंद्वी से महज एक वोट से जीत गए। ये एक वोट न मिलता तो हिटलर आज इतिहास के काले-सफेद किसी पन्ने का हिस्सा नहीं बन पाते।
** 1776 में अमेरिका में एक वोट ज्यादा मिलने से जर्मन भाषा के स्थान पर अंग्रेज़ी राजभाषा बन गई थी। जबकि इसके लिए जर्मनों के प्रयास ज्यादा जोरदारी से हुए थे।
*** 1875 में फ्रांस में मात्र एक वोट से राजतंत्र के स्थान पर गणतंत्र बन गया था। इसे सदी की प्रमुख घटना के तौर पर माना जाता है।
**** 1917 में सरदार वल्लभ भाई पटेल अहमदाबाद म्यूनसिपल कारपोरेशन का चुनाव मात्र एक वोट से हार गए थे।
***** तकरीबन 19 साल पहले अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाया गया। सरकार ने गणित देखा, जीत लग रही थी किंतु एक वोट से सरकार का पतन हो गया। यह वोट था उड़ीसा के तत्कालीन मुख्यमंत्री गिरधर गमांग का। उन्हें सीएम चुने के बाद लोकसभा से इस्तीफा देना था किंतु राजनीतिक धोखाधड़ी के तहत कांग्रेस ने उनका वोट डलवा दिया।
****** 2008 में राजस्थान विधानसभा के चुनावों की बात है। कांग्रेस के सीपी जोशी नाथद्वारा सीट से महज एक वोट से हार गए थे। अच्छा यह हुआ कि कांग्रेस की सरकार नहीं बनी, वरना सीएम बनने की लाइन से हट जाने के लिए जीवनभर पछताना पड़ता। खास बात यह है कि दिन-रात उनके साथ रहने वाले ड्राइवर ने ही वोट नहीं डाला था।
******* करीब चार माह पहले मध्य प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों को भी भूलिये मत। यहां भाजपा की सरकार नहीं बन पाई क्योंकि वो बहुत कम मतों के अंतर से हार गई। हार का न्यूनतम अंतर 121 वोट रहा।
.... यानी एक-एक वोट की अहमियत है। मतदान जरूर कीजिए। यह मत समझिए कि आपके एक वोट से क्या फर्क पड़ने वाला है। मतदान आपका अधिकार ही नहीं, देश और मजबूत लोकतंत्र के प्रति आपका फर्ज भी है। #NationFirstVotingFirst
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