Wednesday, February 5, 2014

नई चुनौतियों के बीच सत्या

यह अच्छी खबर है। दुनिया की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर निर्माता कंपनी माइक्रोसॉफ्ट की कमान सत्य नारायण नडेला संभालेंगे। यहां पिछले 22 साल से काम कर रहे 46 वर्षीय नडेला की नियुक्ति इस मामले में भी अहम है कि कंपनी के सह-संस्थापक बिल गेट्स ने संस्तुति की थी और वह खुद नए मुख्य कार्यकारी अधिकारी सत्या के सलाहकार होंगे। ऐसे समय में जबकि पूरी दुनिया कंप्यूटर सॉफ्टवेयरों पर आश्रित होती जा रही है, सत्या के सामने चुनौती होगी कि वह करीब एक लाख 30 हजार कर्मचारियों की इस कंपनी का सॉफ्टवेयर बाजार पर दबदबा कायम रखें। हालांकि रास्ते इतने आसान नहीं। उन्हें ऐसे वक्त में जिम्मेदारी मिली है जबकि कंपनी प्रतिस्पर्धा में रहने के लिए संघर्ष कर रही है। बेशुमार खर्च करने के बावजूद कंपनी टैबलेट और सर्च इंजन जैसे नए क्षेत्रों में कुछ खास हासिल नहीं कर पा रही है। उसका सर्च इंजन बिंग कामयाब नहीं रहा है, जिसकी जिम्मेदारी नडेला के ही पास थी। इसके साथ ही, माइक्रोसॉफ्ट की जटिलता भी अपने-आप में चुनौती है। वह जोखिम न उठाने की अपनी नीति की वजह से हर नए मोर्चे पर मात खा रही है। निर्णय लेने में बिल गेट्स और अपने पूर्ववर्ती स्टीव बामर के हस्तक्षेप भी उनकी मुश्किलें बढ़ाएंगे। उन्हें तय करना होगा कि कंपनी को टेक्नोलॉजी के हर क्षेत्र में आगे रहने का बामर का विजन ही लेकर चलना है या उन क्षेत्रों में बढ़ना है, जिनमें वह मजबूत है। दूसरे विकल्प में दिक्कत यह है कि माइक्रोसॉफ्ट का दबदबा ऐसे बाजार में है जिसका आकार निरंतर कम हो रहा है। वह आॅपरेटिंग सिस्टम विंडोज की मास्टर है पर यह अब परंपरागत पीसी यानी पर्सनल कंप्यूटरों और लैपटॉप बाजार तक सीमित है और स्मार्टफोन, टैबलेट्स जैसी नई डिवाइसों के बमुश्किल 15 फीसदी हिस्से में इसका उपयोग होता है। कंपनी के मोबाइल, टैबलेट और मोबाइल विंडोज सफल नहीं रहे हैं। सामान्य उपभोक्ता बाजार में उसे मुख्य रूप से गूगल, एप्पल, अमेजन से चुनौतियां मिल रही हैं जबकि औद्योगिक उपभोक्ता जगत में एचपी, आईबीएम और ओरेकल जैसी पुरानी प्रतिद्वंद्वी अपनी हिस्सेदारी बढ़ा रही हैं। बहरहाल, सत्या के भारत में जन्मे होने की वजह से हम भारतीय खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। निश्चित रूप से यह भारतीयों के हर क्षेत्र में बढ़ते दबदबे का सबसे नया उदाहरण है। सूचना प्रौद्योगिकी के उस जगत में वह नई जिम्मेदारी के साथ सामने आए हैं जिसमें भारतीयों को सर्वश्रेष्ठ माना जा चुका है। उनके पहले वक्तव्य का जिक्र सामयिक होगा जिसमें उन्होंने कहा है कि मेरी पहचान मेरी जिज्ञासा और सीखने की उत्कंठा है। बेशक, इसी विशेषता की वजह से वह कामयाब भी होंगे। गेट्स ने यह कहकर उनका उत्साहवर्धन किया है, परिवर्तन के इस दौर में माइक्रोसॉफ्ट का नेतृत्व करने के लिए सत्या नडेला से बेहतर कोई और व्यक्ति नहीं हो सकता। रही चुनौतियों की बात तो हम भारतीय इनका सामने करने से डरते नहीं हैं।

1 comment:

Vaibhav Agarwal said...

Very well described. Proud to be an Indian.. All the best Satya !